जब म पोरिया हतो, ते मी पोरिया हुन को जसो बोलत हतो, पोरिया का जसो मन हतो, पोरिया हुन कि जसी ग्यान वान हतो; पर जब कय्हो रयो ते पोरिया हुन कि बात छोड़ दियो।
अभी हम न आईना म धँधुलो सो दिखाई दे हैं, अदि ओ ख बखत आमने सामने देखे हैं: यू बखत ग्यान अधूरो हैं, पर ओ ख बखत असो पूरो रिती रिवाज से चीन ले, जसो मी चीन लूँ हैं।