25 यू एकोलाने हुयो कि सरीर म फूट पैदा नी होय, पर अंग हुन एक दूसरा कि चिन्ता करे।
25 बल्ले देंह ने फूट नी पड़ो, मान्तर धड़ गोटक दुसर चो बराबर चिन्ता करोत।
फिर भी हमारो सोभा यमान अंग हुन ख ओकी जरूरत नी हैं। पर परमेस्वर न उन ख जादा आदर देते हुए सरीर ख एक जुट करियो।
एकोलाने अगर एक सरीर नाराज मिल हैं, ते सारो अंग ओखा संग नाराज मिल हैं; अऊर अदि एक अंग कि बड़ाई होय हैं, ते ओखा संग सब अंग खुसी माना हैं।
काहेकि अब तक सारीरिक हैं। एकोलाने कि जब तुम म जलन अऊर लड़ाई हैं, ते का तुम सारीरिक नी हैं? अऊर का अदमी कि रिती रिवाज पर नी चल हैं?
आखरी म, अरे मोरो भई बहिन हुन, खुसी रह; सिध्द बनते जा; धीरज रख; एक ही मन रख; मिल ख रवह। अर प्रेम सान्ति को दाता परमेस्वर तुमारा संग होए।
फिर मी न जो तुमारो नजीक लिखो हतो, वाहा न ते ओको लाने लिखो जो न बुरो नुकसान कियो अर नी ओखा लाने जे पर बुरो न्याय कियो गयो, पर एकोलाने कि तुमारी खुसी जो हमारो लाने हैं, उ परमेस्वर को सामने तुम पर परगट होय जाहे।
परमेस्वर को धन्यवाद हो, जेन तीतुस को मन म खुद लोग हुन का लाने मोरो जसो खुसी पैदा करियो हैं।