हुई बखत वी सुध्द आत्मा म होकर खुसी से भर गयो, अर कहयो, “हे बाप स्वर्ग अर जमीन का प्रभु, मी तोरो धन्यवाद करत हूँ कि तू न इन बात ग्यानियो अर समझदार हुन से छिपा रखिए अर पोरिया हुन पर पर प्रगट कियो। हाँ, हे बाप, काहेकि तोखा यु चोक्खो लगे।
काहेकि म उ दया का कारन जो मोखा ख मिलो हैं, तुम म से हर एक से कहूँ हैं कि जसो समझनो चाहिए ओ से बढ़ ख कोई भी अपनो तुम ख नी समझे; पर जसो परमेस्वर न हर एक ख विस्वास नतिज्जा को अनुसार बाट दियो हैं, वसो ही सुबुध्दि का संग अपनो ख समझे।
अर ओकी दया का अनुसार जो हम ख दियो गयो हैं, हम ख अगल-अगल वरदान मिलो हैं, ते जेको भविस्यवानी को दान मिलो हैं, उ विस्वास को नतिज्जा ख अनुसार भविस्यवानी करे;
अदि परमेस्वर न कलीसिया हुन म अलग अलग अदमी नियुक्त करियो हैं: पहले प्रेरित, दूसरो भविस्यवक्ता, तीसरो सिखान वालो, फिर सक्ति को काम करन वालो, फिर चोक्खो करन वाला, अऊर उपकार करन वाला, अऊर प्रबधन करन वाला, अऊर अलग अलग भासा बोलन वाला;