14 एकोलाने कि सरीर म एक ही जिन्दगी नी हैं पर ढ़ेर सारा अंग हुन हैं।
14 ऐईकाजे कि देंह ने गोटक ची धड़ नाई मान्तर खुबे असन आसे।
काहेकि जे प्रकार सरीर ते एक आय अऊर ओखा अंग हुन ढ़ेर सारा हैं, अऊर ओखा एक अंग हुन का ढ़ेर सारा होनू हैं पर भी सब मिल ख एक ही सरीर आय, उही तरीका से मसी भी आय।
अदि पाव कय्हे, “मी हात नी आय, एकोलाने जा सरीर को नी आय,” ते का उ यी लाने सरीर को नी आय?
अदि सब का सब एक ही सरीर होए, ते सरीर कसो होय हैं?
पर सच म ढ़ेर सारा अंग होना, पर भी सरीर एक ही हैं?
एको लाने झुट बोलनो छोड ख हर एक अपनो पड़ोस वालो से सही या सत्य बोले, काहेकि हम आपस म एक दुसरा का अंग आय।