6 ओसनेन जबान मनसेन के समझामै के संयमी होय।
इहैनिता हम दूसर के जसना सोउत झइ रही, पय जागत अउ चेतन्त रही।
कउनो डोकरा के झइ गधार, पय उके दादा जानके समझाय दे, अउ जबानन के भाई जानके,
अउ तुम, जबान टोरवा सियानन के कबजा हे रहा, तुम सब नम्र हुइ के अक दूसर के सेबा के निता कनिहा कस के तइयार रइहा, काखे भगवान घमन्डिन के बिरोध करथै, पय ऊ दीनहीन मनसेन हे दया करथै।
हे बाफ, मै तुमही इहैनिता लिखथो, काखे तुम जउन सुरू लग मवजूद हबै उके जानथा, हे जबान मै इहैनिता लिखथो, काखे तुम ऊ भुतवा हे बिजय पाय चुके हबा।