20 हइ रचना तो उदेस्य के बिगर हुइ गय हबै, हइ अपन इक्छा के जसना नेहको पय भगवान के इक्छा के जसना होय हबै, जउन उके हइ आसा हे अधीन के दय हबै।
हमही पता हबै कि आज तक सगलू दुनिया कस्ट अउ दुख लग कराहथै।
जउन चीज के आसा के दवारा करे जथै, ऊ देखै हे आय, ता फेर आसा कछो हबै, काखे जउन चीज के कउ देखथै, आसा काहिन करी?