मै उनखर हे अउ तै मोर हे, जेखर लग उन पूरी तरह लग अक्ठी हुइ जाय अउ दुनिया हइ जान लेय कि तै मोके पठोय हबस अउ जउन मेर तै मोर लग माया करे, उहै मेर उनखरो लग माया करे हबस।
अउ खुद के परखा कि तुम बिस्वास हे हबा कि नेहको, खुद के जांचा, का तुमके पता नेहको हबै, कि यीसु मसीह तुम्हर भित्तर रथै, अगर नेहको ता तुम जांच हे ढिलवा निकरे हबा।
मै मसीह के संग क्रूस हे टंगाय गयों, अब मै जिन्दा नेहको रहों, पय मसीह मोर हे जिन्दा हबै अउ मै देह हे अब जउन जिन्दा हव ता केबल ऊ बिस्वास लग जिन्दा हव, जउन भगवान कर टोरवा हे हबै, जउन मोर लग माया करिस अउ मोर निता खुदय के दइ दय हबै।
अउ उनखर संग पूर रूप लग अक्ठी हुइ जांव, मोके अपन धरमी काम के नेहको, जउन नियम के पालन लग मिलथै, बलुक ऊ धरमी काम के भरोसा हबै, जउन मसीह हे बिस्वास करै लग मिलथै, ऊ धरमी काम के उदगम भगवान हबै अउ ओखर आधार बिस्वास हबै।
भगवान उनके दिलामै चाहथै कि गैर यहूदी हे ई रहस्य के केतका महिमामय समरध्दी हबै, ऊ रहस्य हइ हबै, कि मसीह तुम सबके बीच हबै, अउ उन हे तुम सबके महिमा के आसा हबै।
अउ स्वरग के पहिले पइदा सिध्द मनसेन के मंडली अक जिघा होथै, जउन सब के नियाव करैबाले भगवान पूरी तरह लग पाय हर धरमी कामन के आतमा, जेखर नाम स्वरग हे लिखे हर हबै।
मै स्वरग लग अक्ठी आरो हइ आदेस देत सुनाई देथै, “लिख, धन्य हबै।” ऊ मिरतू, जउन अब लग परभु हे बिस्वास करत मरे हबै, आतमा कथै, “असनेन होय, ताकि ऊ अपन मेहनत के बाद आराम के सकै, काखे उनखर निक्खा काम उनखर संग हबै।”