5 काखे जब हम मनसे के आदत जसना जियत रहन, हमर पाप पूरी तरह लालसा जउन नियम के दवारा आय रथै, हमर अंग हे हाबी रथै, ताकि हम असना खेती करी, जेखर परिनाम मिरतू हबै।
तुम अपन देह के अंगन के अनियाय के साधन बनै के निता पाप के अरपित झइ करा, तुम अपन के मिरतू मसे फेरै जिन्दा समझ के भगवान के परति अरपित करा अउ अपन अंगन के नियाइपन के साधन बनै के निता भगवान के सउप देया।
पय मै अपन देह के अंग हे अक दूसर नियम देखथो, हइ मोर दिमाक हे मउजूद नियम के बिरोध लडथै, हइ मोके पाप के नियम के जउन मोर देह के अंग हे मउजूद हबै, गुलाम बनाय रखिस।
इहैनिता जेतना मनसे नियम के कामन हे बिस्वास करथै, ऊ सगलू सरापित के बस हे हबै, काखे लिखवरे हबै, “जउन कउ नियम के किताब हे लिखवरे सगलू बातन के नेहको मानथै, ऊ सरापित हबै।”