“परभु कर आतमा मोर संग हबै, काखे ऊ मोर अभिसेक करे हबै, ऊ मोके पठोय हबै, कि मै कंगालन के संदेस सुनाव, अउ जेलियरन के मुकति करो, अउ अंधरन के फेरै आंखी देय के संदेस दों, मै दलित मनसेन के आजाद करव।”
भगवान उनखर आंखी लग हर अक्ठी आंसू पोंछ डालही अउ उहां अब न कबहुन मिरतू होही, न सोक के कारन कउ रइहिन अउ न कउनो पीरा, काखे हइ सगलू पुरान बात समापत हुइ चुके हबै।”