15 मै नेहको समझथो कि मै का करथो, जउन मै करै चाहथो ऊ नेहको पय मै जेखर लग घिरना करथो मै उहै करथो।
हइमेर तुम अपन सियानन के काम के गवाही देथा, अउ उनखर पूर तरह लग समरथन करथा, काखे उनही मारे रथै, अउ तुम उनखर मरघटी बनाथा।
अब लग मै तुमही हरवाह नेहको कइहों, काखे हरवाह नेहको जानथै, कि ओखर मालिक का करे बाले हबै, बलुक मै तुमही संगी कहे हव, काखे जउन बात मै अपन बाफ लग सुने हव, ऊ सगलू तुमही गुठे दय हव।
तुम्हर माया निस्कपट होय, तुम बुराई लग घिरना करा अउ अच्छाई हे लगे रहा।
तोर जउन बिस्वास हबै, उके भगवान के आगू अपन मन हे धर, धन्य हबै ऊ जउन ऊ बात हे जेही ऊ निक्खा समझथै, अपन खुद के दोसी नेहको ठहराथै।
अउ अगर मोके हइ निक्खा नेहको लगथै, मै उहै करथो, ता मै हइ बात मान लेहूं, कि मूसा कर नियम बोहत बढिहा हबै।
काखे देह आतमा के बिरोध हे अउ आतमा देह के बिरोध हे इक्छा करथै, अउ हइ अक दूसर के बैरी हबै, इहैनिता कि जउन तुम चाहथा, उहै नेहको के पाथा।
तउभरमा भगवान के निक्खा नीह बने रथै, अउ ओहमा हइ छाप लगे हबै, “परभु अपनो के चीनथै” अउ “जउन कउ परभु के नाम लेथै, ऊ अधरम लग बचे रहै।”
तै नियाइपन लग माया रखथस अउ अधरम लग बैर रखथस, इहैनिता भगवान तोके चुने हबै, अउ ऊ इज्जत के खुसी दइस तोके तोर संगिन, लग बढके सुध्द तेल लग तोके अभिसेक करे हबै।”
हम सब बेर-बेर पाप करथन, सिध्द ऊ हबै, जेखर बचन हे कउनो मेर के भूल चूक नेहको होथै, ऊ अपन सगलू देह के काबिज हे रख सकथै।
कुछ मनसेन के आगी मसे निकरके उनखर मदद करा, पय कुछ मनसेन हे दया करत टेम खुद के सचेत करा, अउ इहां तक कि उनखर खुरथा पइजामा लग घिनाबा जउन देह लग कलंक हबै।