का तुम नेहको समझथा कि तुम अपन आदेस के मानै बाले हरवाह के रूप हे जेखर परति अरपित करथै अउ जेखर आदेस के पालन करथै, तुम उहै के गुलाम बन जथा? हइ गुलाम चाहे पाप के होय, जेखर परिनाम मिरतू हबै, चाहे भगवान के होय, जेखर आदेस मानै के परिनाम नियाइपन हबै।
सही हइ हबै कि ई घर हे रहत भरमा हम भार हे दबे हर दुख हे रथन, काखे हम चाहथन कि हम बिना कपडा के नेहको रही, पय कपडा पहिरी कि जउन कुछ सारीरिक हबै ऊ जीवन के निरवाह बन जाय।