20 बाद हे मूसा कर नियम दय गइस अउ एखर लग अपराध के गिनती बढ गइस, पय जिहां पाप बढिस, उहां अनुगरहो ओखर लग कहुं बोहत बढिस।
जब उन मजदुरिहा अइन, जउन मनसे पांच बजे काम हे लगाय गय रहिस, उनही चांदी के पइसा अक-अक्ठी मिलथै।
अब तुम जा अउ हइ किस्सा के मतलब समझा, मै बलि नेहको चाहथो बलुक दया चाहथो, काखे धरमी मनसेन के निता नेहको पय पापिन के बुलामै आय हव।”
इहैनिता मै तोर लग कथो, एखर पाप जउन बोहत हबै छमा हुइ गय हबै, काखे हइ बोहत माया करे हबै, पय जेही चुटु छमा करे गय हबै, ऊ माया चुटु लग करथै।
चोरटा कउनो अउ काम के निता नेहको आथै, बलुक चुरामै अउ खून अउ बरबाद करै के निता आथै, मै इहैनिता आय हव, कि मनसे जीवन पामै, अउ बहुतायत के जीवन पामै।
अगर मै नेहको आतों अउ उनही सिक्छा नेहको देतों, ता उन दोसी नेहको होतिन, पय अब उनखर लिघ्घो अपन पाप के छुपामै के निता कउनो मेर के बहाना नेहको बचे हबै।
मनसे दवारा नियम के नेहको माने जाय लग भगवान के गुस्सा भडकथै, जछो नियम नेहको उछो पापो नेहको।
हम काहिन कहि, कि हम पाप करतै रही? भगवान के अनुगरह अपन उप्पर होत रहे।
तुम्हर हे पाप के कउनो हक झइ रही, अब तुम नियम के नेहको बलुक अनुगरह के वस हे हबा।