21 उके पूर बिस्वास रथै कि भगवान जउन टीमा दय हबै, उके पूर करै हे ऊ पूरी तरह अटल हबै।
यीसु उनही देखत कथै, मनसे के निता लिखडी नेहको हबै, पय भगवान के निता सगलू कुछ लिखडी हबै।
कइन झन, मनसे उन घटना के लिखके अक्ठी जिघा करै के काम करे हबै, जउन हमर बीच हे घटिस।
काखे जउन बचन भगवान के निता कुछु कठिन नेहको हबै।”
तै धन्य हबस जउन हइ बिस्वास करिन, कि परभु जउन कुछ बात गुठे हबै ऊ पूर हुइके रही।”
तुम कोहर हबा, जउन भगवान के हरवाह जन के दोसी ठहराबा? असना मनसे अपन परभु के आगू जिम्मेदारी हबै, इहैनिता भगवान बाफ उके ठाड रखै हे सक्तिसाली हबै।
अक्ठी मनसे सोचथै, कि अक रोज दूसर रोज लग निक्खा हबै, दूसर मनसे सोचथै, कि हर रोज अक जसना हबै, एखर बारे हे हर मनसे अपन मन हे पूर बिस्वास करथै।
काखे मै हइ जानथो, कि न तो मिरतू, न जीवन, न स्वरगदूत, न परधान, न भभिस्य, न सक्ति,
भगवान सक्तिमान हबै कि ऊ तुमके बोहत जादा अनुगरह दे, कि तुमके सब कुछ मिलत रहै अउ हर निक्खा काम हे तुम्हर लिघ्घो बोहत जादा होय।
अउ इहै कारन हबै जेखर लग मै हइ बातन के दुख उठाउत हव, अउ फेर लज्जित नेहको हव, काखे जेखर उप्पर बिस्वास करे हव, मै उके जानथो अउ मै हइ मानथो, कि ऊ मोके जउन सउपे हबै, ऊ ओखर रक्छा करै हे सक्ति हबै,
बिस्वास के अपन मन हे धरे इन मनसे मर जथै। जउन चीज के टीमा करे गय रहिस, उन ऊ चीज के नेहको पाथै, पय उन ओही दुरिहां लग देखिन अउ ओखर मेहमानी करिन। उन अपन के हइ भुंइ हे बाहरी अउ अनचिन्हार मानत रहिन।
अब्राहम जानत रहिस कि भगवान सक्तिसाली हबै मरे हर के जिन्दा करै के सक्ति हबै अउ अब्राहम इसहाक के मरै लग फेरै वापिस पाय लइस उनिन मसे किस्सा के रीति लग।