12 सबझन भगवान लग दुरिहां हुइ गइन, उन सब निकम्मा हुइ गइन कउनो किरपा करै बाले नेहको अकोठे नेहको।
इहैनिता हइ ढिलवा हरवाहन के बाहिर के अंधियार हे फटिक देया, जिहां मनसे रोथै अउ दांत पीसथै।”
कोनो समझदार नेहको हबै अउ कउनो भगवान के खोजै बाले नेहको हबै।
उनखर नठेरी मरघटी के जसना उघरे हबै, उन अपन जीभ लग झूठ बोलथै, उनखर बिबडा हे सपुवा के जहर हबै।
एहमा हमु सबके सब आगू अपन देह के क्रोध के दिन बितात रथन अउ इन देह अउ मन के इक्छा पूर करथन अउ दूसर मनसेन के जसना आदत लग भगवान के सजा के लायक रथन।
अक्ठी टेम रथै जब ऊ तोर कउनो काम के नेहको रथै, पय अब न तोर निता बलुक मोरो निता बोहत काम के हबै।
तुम गेडरन मेर भुलाय गय रहा, पय अब तुम अपन आतमा के मुखिया के लिघ्घो लउट आय हबा।