28 इहैनिता मै हइ काम पूर करके अउ उनखर हइ चन्दा सउप के तुम्हर लिघ्घो होवत ओसनेन स्पेन के जइहों।
उन कढ जथै अउ उन मरघटी के माडा के दूरा कर पथरा हे सील लगाइन अउ चवकीदारन के मरघटी हे ताकै के निता बइठाय देथै।
जउन ओखर गवाही के मानथै, ऊ हइ बात हे छाप लागय दइस, कि भगवान सही हबै।
जब हइ बात होय चुकथै ता पोलुस आतमा हे ठानथै कि मकिदुनिया अउ अखाया लग हुइके यरुसलेम छो जहुं अउ कथै, “उहां जाय के बाद मोके रोम सहर के देखै के जरूरी हबै।”
इहैनिता जब मै स्पेन छो जहुं, ता तुम्हर लिघ्घो होत जहुं, काखे मोके आसा हबै कि ऊ यातरा हे तुम्हर लग मुलाखात होही अउ जब तुम्हर संग उठा-बइठक लग मोर मन कुछ भर जही, ता तुम मोके कुछ दुरिहां तक पठोय दइहा।
मै भेंट पामै के निता इक्छुक नेहको हबो, बलुक मै हइ चाहथो, कि तुम्हर खाता हे फायदा बढत जाय।
तुम्हर लिघ्घो पहुंचो, हइ सगलू दुनिया हे फरत अउ बढत जथै, जउन रोज अपन भगवान के अनुगरह के बारे हे सुनिस अउ सच्चाई के अहसास हुइस।