20 भात के निता भगवान के काम झइ बिगडै, सब कुछ सुध्द तो हबै, पय ऊ मनसे के निता बेकार हबै, जेही ओखर भात लग ठोकड लगथै।
मनसे के मुंह के भित्तर लग जउन कुछु जथै, ऊ मनसे के असुध्द नेहको करथै, बलुक ओखर मुंह लग निकडे हर सब्द उके असुध्द करथै।”
जउन कउ मोर उप्पर बिस्वास करे बाले के कउनो अकझन के बिस्वास लग बहकाथै, ता ओखर निता इहै निक्खा होतै कि ओखर नटेरी हे चकिया के पथरा बांधे जातिस अउ ऊ गहीर समुन्दर हे बुडाय दय जातिस,
फेर दूसर बार उके आरो सुनाई देथै, जउन कुछ भगवान सुध्द ठहराय हबै, उके असुध्द झइ कह।
अक्ठी मनसे के पूर बिस्वास हबै, कि सब कुछ खाय के सही हबै, पय जउन बिस्वास हे ढिलवा हबै, ऊ सबजी भाजी खथै।
निक्खा तो हइ हबै, कि तै झइ गोस खा, अउ झइ दारू पिया अउ न असना कुछ करा जेखर लग तोर भाई के ठोकड लगै।
भगवान हमही बनाइस, ऊ यीसु मसीह हे हमके बनाइस, जेखर लग हम ऊ निक्खा कामन के पूर करथन, जेही भगवान हमर निता पहिले तइयार करे हबै।
मोके हइ बात के पक्का बिस्वास हबै, कि ऊ भगवान जउन तुम्हर बीच असना निक्खा काम सुरु करे हबै, उहै उके उहै रोज तक बनाय रखी, जब मसीह यीसु फेरै आयके ओही पूर करी।
जउन मनसेन सुध्द हबै, उनखर निता सगलू कुछु सुध्द हबै, पय जउन असुध्द अउ अबिस्वासी हबै, उनखर निता कुछु सुध्द नेहको, उनखर मन अउ सोच दोनो असुध्द हबै।