12 इहैनिता हमर मसे सबझन भगवान के अपन-अपन हिसाब-किताब दइहीं।
अउ “मै तुम्हर लग कथो, कि जउन-जउन बेकार बात मनसेन के मुंह लग निकडथै, ऊ नियाव के रोज ऊ हर अक्ठी बात के हिसाब देयका पडही।
काखे मनसे कर टोरवा अपन स्वरगदूतन के संग अपन बाफ के महिमा हे जलदी आमै बाले हबै अउ ऊ अक-अक्ठी मनसेन के उनखर करम के जसना मेर सजा देही।
इहैनिता मालिक उके बुलाय के कथै, हइ मै तोर बारे हे का सुनथो? अपन भन्डारी के हिसाब किताब दे, काखे तै अब मोर भन्डारी नेहको रही सकथस।
काखे हइ जरूरी हबै कि हम सब मसीह के राजगद्दी न्याय के आगू ठाढ होय के पडही, कि हर अक्ठी के सरीर देह हे करे गय बेकार, निक्खा, के जसना फडुहा मिलही।
काखे हर कउ मनसे के अपन भार उठामै के हबै।
उनही जिन्दा अउ मरे हरन के नियाव करैबाले भगवान के अपन चाल चलन के लेखाजोखा देयका पडही।