जउन मनसे हइ नान मसे कउनो अक्ठी के निता ठोकड के कारन बनथै, ओखर निता निक्खा इहै होतिस कि ओखर नटेरी हे चकिया के पाट बांध के उके गहिरा समुन्दर हे फटक दय जातिस।”
हे भाइयो, हम तुम्हर लग बिनती करथन कि जउन बिगड गय हबै, उनही डांटा जउन डेराय हबै, उनही हिम्मत देया जउन कमजोर हबै उनखर सहयोग करा अउ सबझन के संग धीर धरै बाले बने रइहा।