9 तुम्हर माया निस्कपट होय, तुम बुराई लग घिरना करा अउ अच्छाई हे लगे रहा।
अउ हरबी यीसु के लिघ्घो आयके कथै, हे गुरू नमस्ते अउ ओही बोहत चुम्मा लेथै।
ऊ हइ बात इहैनिता नेहको कथै, कि ऊ उके गरीबन के चिन्ता रथै, बलुक इहैनिता कि ऊ चोरटा रथै अउ ओखर लिघ्घो थइली रथै अउ ओहमा जउन कुछु डाले जथै, ऊ निकाड लय करथै।
उहां पहुंच के अउ भगवान कर अनुगरह के देखके मगन होथै अउ सगलू के सिक्छा देथै, कि तन मन लगाय के परभु लग लिपटे रइहा।
पवितर लग, ग्यान लग, धीर लग, किरपा लग, पवितर आतमा के काम निस्कपट माया,
मै तोके कउनो आदेस नेहको देथो, मै केबल बाकी के खुसी लग तुम्हर माया के बरोबरी करके एखर सच्चाई के परखथो।
हमर सिक्छा न तो भरमा दे बाले रथै, अउ न असुध्द उदेस्य लग हबै, अउ न ओहमा कउनो छल कपट हबै।
तुम हइ बात के धियान देया, कि बुराई के बदला बुराई झइ करा, पय हरमेसा अक दूसर के अउ सब मनसेन के भलाई करै के परयास करा।
सगलू बातन के परखा, जउन निक्खा बात हबै उके गरहन करा।
हमर आदेस के उदेस्य हबै, निक्खा सुध्द मन, अउ बढिहा सोंच अउ निस्कपट बिस्वास लग माया पइदा होथै।
तै नियाइपन लग माया रखथस अउ अधरम लग बैर रखथस, इहैनिता भगवान तोके चुने हबै, अउ ऊ इज्जत के खुसी दइस तोके तोर संगिन, लग बढके सुध्द तेल लग तोके अभिसेक करे हबै।”
सगलुन के संग सान्ति बनाय रखा अउ ऊ पवितरता के खोजत रहा, जेखर बिना कउनो परभु के देख नेहको पाही।
पय जउन ग्यान भगवान के तरफ लग आथै ऊ निरदोस हबै, अउ ऊ सान्ति लग, सहै बाले, दया, करुना, निक्खा काम करै बाले, कउनो मेर के पक्छपात नेहको, मन हे कउनो मेर के कपट झइ होय।
तुम आदेस मान के सत्य के गरहन करे हबा अउ हइ मेर बिना कपट के हरमेसा माया के निता अपन आतमा के पवितर के लय हबै, इहैनिता अब तुमही सुध्द हिरदय अउ तन-मन लगाय के अक दूसर लग माया करै चाही।
सबले बड्डे बात हइ हबै कि अक दूसर लग बोहत माया करा, काखे माया सबैमेर के पाप के मूंद देथै।