11 परयास करै हे आलसी झइ करा, पवितर आतमा लग खुसी हे भरे रहा, परभु के सेबा करतै रहा।
काखे कि अधरम बढ जही, इहैनिता बोहत लग मनसे के माया जुडाय जही।
ओखर मालिक जबाब देथै, तै बेकार अउ आलसी हरवाह हबस, तै जानत रहस ना, कि जिहां मै नेहको बोथो, उहै काटथो, जिहां नेहको बोथो, उछो लग दाना बटोरथो,
ऊ परभु कर रास्ता के वरदान पाय रथै अउ मन लगाके यीसु के बचन के बडे साचेत कर संग जउन सही रथै, उहै सिखाथै पय ऊ केबल यूहन्ना के बतिस्मा के बात जानथै।
मतलब बडी दीनता लग अउ आंसू बहाय के अउ उन परिक्छा हे जउन यहूदी के कारन मोर हे आय पडथै, मै परभु के सेबा करै रहों
काखे परभु के दवारा बोलाय जाय के टेम जउन हरवाह रथै, ऊ परभु हे आजाद करे हर मनसे हबै, उहैमेर जेही ऊ टेम बोलाय गय हबै, जब ऊ आजाद रथै, अब ऊ मसीह के हरवाह हबै।
जउन मनसे पहिले चोरी करे करथै, ऊ अब चोरी झइ करै, पय निक्खा धंधा हे अपन हाथन लग मेहनत करै, ताकि जरूरत मनसेन के देय के निता ओखर लिघ्घो कुछु होय।
हे गुरू तुम हरवाह के अउ उनखर बनथै, अउ जरूरी हबै, सुरता रखा स्वरग हे तुम्हरो कउनो गुरू हबै।
एखर अलाबा ऊ आलसी रहै लागथै, अउ घर-घर घूमै करथै, ऊ न केबल आलसी रथै, पय बाकिन के कामन के बिगाडथै, अउ दूसर के बुराई करै हे मजा आथै, अउ ऊ बात बोलथै, जउन उके नेहको बोलै चाही।
हमही जउन राज मिले हबै ऊ नेहको डोलाय जही, इहैनिता हम भगवान के धन्यबाद देयत रही अउ ओखर इक्छा के जसना महिमा अउ इज्जत के संग ओखर आराधना करत रही,
इहैनिता तुम अक दूसर के आगू अपन-अपन पापन के मान लेया, अउ अक दूसर के निता पराथना बिनती करिहा, जेखर लग तुम निक्खा हुइ जइहा, धरमी मनसे के पराथना के बल लग बोहत कुछु हुइ सकथै।
तुम आदेस मान के सत्य के गरहन करे हबा अउ हइ मेर बिना कपट के हरमेसा माया के निता अपन आतमा के पवितर के लय हबै, इहैनिता अब तुमही सुध्द हिरदय अउ तन-मन लगाय के अक दूसर लग माया करै चाही।
सबले बड्डे बात हइ हबै कि अक दूसर लग बोहत माया करा, काखे माया सबैमेर के पाप के मूंद देथै।
पय मोके तुम्हर हइ सिकायत हबै कि तुम मोर परति अपन आगू बाले माया छांड दय हबा।