जसना कि पवितर किताब हे लिखे हबै, भगवान पवितर आतमा के दवारा उनखर दिमाक के जर बनाय दय हबै, ऊ उनही असना आंखी दइ दइस, जउन नेहको दिखथै अउ असना कान जउन सुनथै नेहको अउ उनखर हइ दसा आज तक बने हर हबै।
हइ समुन्दर के उछाल लेहरा के जसना हबै, जउन अपन लज्जा गेजरा के रूप हे उछलथै, हइ रास्ता लग भटकत तरइया हबै, जेखर निता हरमेसा के निता बोहत अंधियार हे छांड दय हबै।
फिर जउन स्वरगदूत अपन पद के बनाय नेहको रखिस, पय अपन निबास हक के छांड दइस, ऊ उनके ऊ भयानक नियाव के रोज के निता अंधियार हे जउन सबरोज के निता हबै बन्धन हे रखे हबै।