19 हइ घोडवा के सक्ति उनखर मुंह अउ उनखर पूंछी हे रथै, काखे उनखर पूंछी सपुवा के जसना रथै, जेखर निस्तार ऊ मनसेन के पीरा पहुंचामै के निता करथै।
तब हम लरका नेहको रहिबे, जउन मनसे के नरै बाले नियम अउ चतुर लग उनखर भरमामै बाले सक्ति के अउ संदेस के हर अक्ठी झोका लग उछालै अउ इछो-उछो बहकाय झइ जउबे।
उनखर पूंछी के चूंदी असना रथै, जसना बीछी के डंक होय अउ ओहमा मनसेन के पांच महिना तक पीरा देय के सक्ति रथै।
हइ तीन महामारियो के दवारा, मतलब आगी, धुंवा अउ गंधक दवारा, जउन घोडवा के मुंह लग निकडत रथै, अक्ठी भाग मनसे नास हुइ गइन।
बचे हर मनसे, जउन हइ महामारी लग नास नेहको होय रथै, अपन हाथ के कामन लग मन नेहको फिराइन, उन परेत अउ सोना, चांदी, पीतर अउ लकडी के उन मूरती के पूजा करथै, जउन न तो देख सकथै अउ न सुन सकथै अउ न चल सकथै।