13 फेर मै सगलू रचना के स्वरग हे, अउ भुंइ हे अउ भुंइ के तरी सगलू जीव के हइ कहत सुनेव, “जउन राजगद्दी हे बइठे हबै अउ गेडरा के स्तुति ईज्जत, महिमा, आसीस, अउ सक्ति हरमेसा रहै।”
पय तुमके बिस्वास के नीह हे मजबूत अउ अडे बने रहे चाही अउ ऊ आसा लग नेहको भटके चाही, जउन तुमके संदेस के दवारा देबाय गय हबै, ऊ परचार बादर के तरी सगलू रचना के सुनाय गय हबै अउ मै पोलुस ओखर सेबक बने हव।
अगर कउ बचन देथै, उके सुरता रहै कि ऊ भगवान के बचन बोलथै, जउन धरमी सेबा करथै, ऊ जान ले कि भगवान उके बल देथै, हइ मेर सब बातन हे यीसु मसीह के दवारा भगवान के महिमा परगट हुइ जही। महिमा अउ सक्ति जुगजुग भगवान के हबै। ओसनेन होय।
तब मै राजगद्दी के लिघ्घो चार परानी अउ सियानन के बीच ठाढ अक्ठी गेडरा के देखो, ऊ माना बलि चढाय हर गेडरा रथै, ओखर सात सींग अउ सातठे आंखी रथै, हइ भगवान के सात आतमा हबै जिनही भगवान सगलू भुंइ हे पठोय हबै।