18 जउन मनसे हइ किताब के आगू कर बात के सुनथै, मै उन सगलू के हइ चेतावनी देथो, अगर कउन इनखर मसे कुछ जुडहीं, ता भगवान हइ किताब हे लिखररे हर परेसानी ओखर उप्पर ढा देही।
कउनो भाई के मान मरयादा के बेज्जती झइ करै अपन साथी बिस्वासिन के तंग झइ करिहा, काखे इन सब के बारे हे खुद परभु बदला लेही, जसना कि हम तुमही साफ सब्द हे समझाय चुके हबन।
तब मै स्वरग हे अक्ठी बडा अउ चकित चिन्हा देखो, जउन सात स्वरगदूत सात आखरी परेसानी लय हर रथै, हइ आखरी परेसानी हबै, काखे इनखर दवारा भगवान के गुस्सा पूर हुइ जथै।
तब उनके बहकामै बाले भुतवा के आगी अउ धंधकत कुन्ड हे डाल दय जही, जिहां गोरू अउ ठगरा ग्यानी मनसेन के डाले गय रथै, उन रात दिन पीरा हे हरमेसा तक तडपत रइहीं।
“यीसु कथै, मै मंडली के बारे हे हइ बात परगट करै के निता अपन स्वरगदूत के तुम्हर लिघ्घो पठोय हव, मै दाऊद के बडा वंसज अउ लरका यहों अउ मुरगउसा के चमकत तरइया हबो।”
पय स्वरगदूत मोर लग कथै, “देख असना झइ के, काखे मै तो तुम्हर भाई ग्यानी मनसे अउ हइ किताब के बचन के मानै बाले अउ भगवान के हरवाह हव तुम भगवान के अराधना करा।”