भगवान के हरवाह मूसा कर गीत अउ गेडरा के गीत गाय गायके कथै, “हे सर्वसक्तिमान परभु भगवान, तोर काम बडा अउ चकित हबै, हे जुग-जुग के राजा, तोर रास्ता निक्खा अउ सही हबै।”
हइ भुतवा दुस्ट आतमा रथै अउ उनखर भित्तर चिन्हा चकित के काम दिखामै के सक्ति रथै, ऊ सगलू दुनिया के राजा के सर्वसक्तिमान भगवान के बडा दिन, लडाई करै के निता अकजुट करै के निकड पडिस।
ओखर मुंह लग अक्ठी बोहत चोंख तलबार निकडिस कि ऊ ओखर लग देस के नास करै, ऊ लोहा के राजदंड लग उनखर राज करही, ऊ सर्वसक्तिमान भगवान के गुस्सा के जलजलाहट के अंगूर कर रस कुन्ड राउंदही।
हइ चारो परानी के हर अक्ठी के छय छयठे पंख रथै, उनखर भित्तर के पल्ला अउ बाहिर के पल्ला आंखै आंख रथै अउ उन दिन रात लगेतार बिना रुके महिमा करथै, “पवितर परभु सर्वसक्तिमान बाले भगवान, जउन रथै जउन हबै अउ जउन आमै बाले हबै।”
तब मै राजगद्दी के लिघ्घो चार परानी अउ सियानन के बीच ठाढ अक्ठी गेडरा के देखो, ऊ माना बलि चढाय हर गेडरा रथै, ओखर सात सींग अउ सातठे आंखी रथै, हइ भगवान के सात आतमा हबै जिनही भगवान सगलू भुंइ हे पठोय हबै।
इहैनिता ऊ भगवान के राजगद्दी के आगू ठाढ हबै अउ ओखर मन्दिर हे दिन रात ओखर सेबा करत रथै अउ ऊ जउन राजगद्दी हे बइठे हबै, उनही सुरक्छा परदान करही अउ तम्बू जसना तानही।
काखे ऊ मेमना जउन राजगद्दी के बीच हे हबै, उनखर देखभाल करही, ऊ उनके जीवन दे बाले पानी के झरना के लिघ्घो लइ जही अउ भगवान उनखर आंखी के हर आंसू के पोंछ देही।”