हइ भुतवा दुस्ट आतमा रथै अउ उनखर भित्तर चिन्हा चकित के काम दिखामै के सक्ति रथै, ऊ सगलू दुनिया के राजा के सर्वसक्तिमान भगवान के बडा दिन, लडाई करै के निता अकजुट करै के निकड पडिस।
तब उनके बहकामै बाले भुतवा के आगी अउ धंधकत कुन्ड हे डाल दय जही, जिहां गोरू अउ ठगरा ग्यानी मनसेन के डाले गय रथै, उन रात दिन पीरा हे हरमेसा तक तडपत रइहीं।
तब स्वरगदूत उके पत्ताल कुन्ड हे फटक देथै, उके बन्द करके ऊ पर सील लगाय दइस, कि ऊ अक हजार साल पूर होमै तक अब कउनो देस लग छल नेहको करै, हइ सगलू होमै के बाद हइ जरूरी रथै कि उके चुटु टेम के निता अजाद करे जाय।
एखर बाद भुंइ के चारो पल्ला चार स्वरगदूत के मै ठाढ देखो, भुंइ के चारो हवा के रोक के रखै रथै, ताकि भुंइ हे सागर हे अउ रूख हे उनखर मसे कउनो के उप्पर हवा झइ चल पाबै।