6 धन्य अउ पवितर ऊ हबै, जउन पहिले फेरै लग जिन्दा होमै हे सामिल हबै, असना मनसे दूसर मिरतू के कउनो हक नेहको हबै, ऊ भगवान अउ मसीह के पुजारी हुइहिन अउ उनखर संग अक हजार साल तक राज करही।
हे भाई अउ बेहन, भगवान के बडी दया के उजियार हे तुम सबले मोर बिनती हबै, कि तुम अपन देह के भगवान के निता मगन करै बाले सुध्द बलि चढावा, इहै तुम्हर सच्ची सेबा हबै।
पय तुम अक्ठी चुने हर पुरखा अउ राज पदधारी याजकन के समाज अउ पवितर मनसे अउ भगवान के खास मनसे हबा, जेखर लग तुम ओखर महान कामन के घोसना कर सका, जउन तुमही अंधियार मसे निकार के अपन अथाह उजियार हे बोलाय लय हबै।
मै स्वरग लग अक्ठी आरो हइ आदेस देत सुनाई देथै, “लिख, धन्य हबै।” ऊ मिरतू, जउन अब लग परभु हे बिस्वास करत मरे हबै, आतमा कथै, “असनेन होय, ताकि ऊ अपन मेहनत के बाद आराम के सकै, काखे उनखर निक्खा काम उनखर संग हबै।”