तुम सचेत रहा, तुम बोलै बालेन के बात सुनै हे अनसुना झइ करा, जउन मनसे भुंइ हे चेतावनी देय बालेन के आरो के अनसुना के दय रहिन, अगर उन नेहको बच सकिन, ता हम कसके बच सकब, अगर हम स्वरग लग चेतावनी देमै बाले के आरो अनसुनी के देब?
तब उनके बहकामै बाले भुतवा के आगी अउ धंधकत कुन्ड हे डाल दय जही, जिहां गोरू अउ ठगरा ग्यानी मनसेन के डाले गय रथै, उन रात दिन पीरा हे हरमेसा तक तडपत रइहीं।
फेर मै नान होय या बडा सगलू मरे हर मनसे के राजगद्दी के आगू ठाढ देखथो अउ किताब खोले गइस, तब अक्ठी दूसर किताब मतलब जीवन के किताब खोले गइस अउ किताबो हे लिखररे हर बातन के जसना मरे हरन के उनखर काम के जसना सजा दय गइस।
अउ जउन जीत पाही ऊ इहै मेर चरका बन्डी पहनही, मै जीवन के किताब लग ओखर नाम के नेहको मिटाहुं, बलुक मै तो ओखर नाम के अपन बाफ अउ ओखर स्वरगदूत के लिघ्घो मान सम्मान परदान करिहों।