फिर जउन स्वरगदूत अपन पद के बनाय नेहको रखिस, पय अपन निबास हक के छांड दइस, ऊ उनके ऊ भयानक नियाव के रोज के निता अंधियार हे जउन सबरोज के निता हबै बन्धन हे रखे हबै।
तब मोके स्वरग लग उतरत अक्ठी दूसर सक्तिसाली स्वरगदूत के देखथै, जउन बादर के बन्डी के जसना पहिने हर रथै, ओखर मूड दबोरा के सात रंग के जसना रथै, ओखर चेहरा बेरा कस अउ गोड आगी के खम्भा के जसना रथै।
तब स्वरगदूत उके पत्ताल कुन्ड हे फटक देथै, उके बन्द करके ऊ पर सील लगाय दइस, कि ऊ अक हजार साल पूर होमै तक अब कउनो देस लग छल नेहको करै, हइ सगलू होमै के बाद हइ जरूरी रथै कि उके चुटु टेम के निता अजाद करे जाय।