23 मै उनखर लरकन के मार डरिहों अउ सगलू मंडली के हइ पता चल जही कि मै उहै यहों जउन मनसे के मन अउ उनखर दिमाक के जानथो, मै तुम सबझन के तुम्हर कामन के जसना सजा देहुं।
यीसु उनखर लग कथै, तुम मनसेन के आगू बोहत धरमी मनसे बनै का ढोंग करथा, पय भगवान तुम्हर मन के जानथै, जउन बात मनसे के नजर हे खास हबै, ऊ भगवान के नजर हे असुध्द हबै।
यीसु फेर तीसर बेर ओखर लग कथै, “हे समोन यूहन्ना कर टोरवा का तै मोर लग माया करथस?” हइ सुनके पतरस गुस्सा होथै, कि ऊ तीसर बार असना पूछथै, “का तै मोर लग माया करथस?” पतरस यीसु लग कथै, “हे परभु, तै तो मन के बात जानथस, तै हइ जानथस कि मै तोर लग माया करथो।” यीसु ओखर लग कथै, “मोर गेडरन के चरा।”
फेर मै नान होय या बडा सगलू मरे हर मनसे के राजगद्दी के आगू ठाढ देखथो अउ किताब खोले गइस, तब अक्ठी दूसर किताब मतलब जीवन के किताब खोले गइस अउ किताबो हे लिखररे हर बातन के जसना मरे हरन के उनखर काम के जसना सजा दय गइस।
जउन समुन्दर हे मरे हर रथै, उनके समुन्दर भगवान के आगू ठाढ करिस अउ नरक हे जिनखर मिरतू हुइ गय रथै, ऊ ओखर आगू ठाढ करिस, हर अक्ठी मनसे के उनखर काम के जसना सजा दय गइस।
तब मोके उहां अक्ठी घोडवा दिखथै, जउन पीला रंग के रथै, जउन ओखर उप्पर बइठे रथै, ओखर नाम मिरतू रथै अउ नरक ओखर पाछू-पाछू चले आथै, उके भुंइ के अक्ठी चउथाई भाग हे हक दय गइस, कि अकाल महामारी अउ पतेरा के गोरू दवारा नास करै के हक दय गइस।