22 इहैनिता देखबे, मै उके नांगा करके खटिया के जठना हे डाल देहुं अउ उके जउन ओखर संग गलत काम हे समलित हबै, बोहत दुख हे डाल देहुं, अगर ऊ ओखर संग गलत काम करै लग मन नेहको फिराही।
काखे ओखर गलत काम के भयंकर दारू के कारन सगला कुर गिर गय हबै, अउ भुंइ के राजा ओखर संग गलत काम करे हबै अउ भुंइ के बनिया ओखर सुख-बिलास के कारन बोहत धन्नड हुइ गय हबै।”
इहैनिता सुरता कर कि तै कछो लग गिरे हबै अउ मन फिरा अउ उन कामन के कर, जउन पहिले के जसना काम करत रथस। अगर तै मन नेहको फिरइहे, ता मै तोर लिघ्घो आयके तोर चिमनी के ओखर जाघा लग हटाय देहुं।