पय एहमा का हबै, अगर भगवान अपन गुस्सा दिखामै के निता अउ अपन सक्ति परगट करै के निता उन मनसेन के जउन गुस्सा के निता रथै अउ जिनखर नास होय बाले रथै, बोहत धीर के संग उन बातन के सहन करिन।
परभु अपन टीमा पूर करै हे देरी नेहको करथै, जसना की कुछ मनसे समझथै, पय ऊ तुम्हर बारे हे धीर धरथै अउ हइ नेहको चाहथै कोनो नास होंय, बलुक सब झन के अपन पाप लग मन बदलै के मउका मिलै।