हे भाई अउ बेहन, तुम्हर बारे हे भगवान के हरमेसा धन्यबाद करैका चाही, अउ हइ जरूरी हबै काखे तुम्हर बिस्वास बोहत बढिहा मेर बढत हबै, अउ तुम सब हे अक दूसर लग माया बढत हबै।
मै हइ जानथो कि तै उहै रथस जिहां भुतवा के राजगद्दी हबै, तउभरमा मोर नाम के परति तोर सच्चाई हे बने हबै अउ तै मोर परति अपन बिस्वास के कबहुन नेहको नकारे, ऊ टेम जब मोर गवाह मोर बिस्वास के काबिल अन्तिपास के तुम्हर सहर हे जिहां भुतवा के घर हबै, खून के दय गइस।
मै तोर दुख अउ कंगाली के बारे हे जानथो पय तै धन्नड हबस अउ मै हइ जानथो, कि उन मनसे तुम्हर केतका बदनामी करथै, जउन अपन खुद के यहूदी कथै अउ उन हइयो नेहको हबै, बलुक उन भुतवन के भक्ति करै बाले सभा हबै, उनखर बुराई के जानथो।