17 एखर बाद मै देखो कि बेरा के उप्पर अक्ठी स्वरगदूत ठाढ हबै, ऊ बादर हे उडै बाले सगलू चिरइयन लग ऊंच आरो लग कथै, “आबा, भगवान कर महाभोजन के निता अकजुट हुइ जा।
तब मै अक्ठी दूसर स्वरगदूत के बीच बादर हे उडत देखो, भुंइ हे रहैबाले के हर अक्ठी देस, कुर, भासा अउ कास्ट के मनसे सुनामै के निता ओखर लिघ्घो अक्ठी निक्खा अनन्त संदेस रथै।