तुमो ओखर संग ओसना सोगत करा जसना तुम्हर संग ऊ करे रथै, जउन ऊ तुम्हर संग करिस ओखर लग दुइ गुना ओखर संग करा, ऊ जउन खोरिया हे दूसर के निता दारू तइयार करे हबै, तुम उहै हे ओखर निता दुइ गुना दारू भर देया।
उन बोहत आरो लग हइ कहत सुनो कि “हे पवितर अउ सत्य परभु, जउन हमके मारे हबै उनखर नियाव करै के तै कब तक ओरगत रइहे? अउ भुंइ के रहै बालेन लग हमर खून के बदला कब तक न लइहे?”