मै आतमा के वस हे हुइ गयों अउ स्वरगदूत मोके पतेरा छो लइ गइस, मै उहां अक्ठी डउकी के अक्ठी लाल रंग के गोरू के उप्पर बइठे हर देखथो, गोरू के सगलू देह हे बुराई सब्द लिखररे हर रथै, ओखर सात मूड अउ सात सींग रथै।
ऊ डउकी बैगनी अउ लाल रंग के फरिया पहिने हर रथै, ऊ मंहगी सोना अउ मोती लग सजे हर रथै ऊ अपन हाथ हे सोना के अक्ठी खोरिया लय हर रथै, जउन बेकार बात अउ ओखर गलत काम के असुध्द चीजन लग भरे हर रथै।