“इहैनिता जब तुम बोहत नास चीज के, जेखर बारे हे दानिय्यल ग्यानी मनसे दवारा करै गय हबै, मन्दिर के पवितर जिघा हे ठाड हुइके देखा” पढय बाले खुदय जान जथै कि एखर मतलब काहिन हबै।
मै आतमा के वस हे हुइ गयों अउ स्वरगदूत मोके पतेरा छो लइ गइस, मै उहां अक्ठी डउकी के अक्ठी लाल रंग के गोरू के उप्पर बइठे हर देखथो, गोरू के सगलू देह हे बुराई सब्द लिखररे हर रथै, ओखर सात मूड अउ सात सींग रथै।