4 ऊ डउकी बैगनी अउ लाल रंग के फरिया पहिने हर रथै, ऊ मंहगी सोना अउ मोती लग सजे हर रथै ऊ अपन हाथ हे सोना के अक्ठी खोरिया लय हर रथै, जउन बेकार बात अउ ओखर गलत काम के असुध्द चीजन लग भरे हर रथै।
जसना सोना, चांदी, रतन, मोती, मलमल, बैगनी, रेसम अउ लाल रंग के बन्डी अउ हर मेर के महके बाले लकडी अउ हाथीदांत के हर मेर के चीज अउ मंहगा लकडी, पीतर, लोहा अउ संगमरमर के सब मेर के चीज,
काखे ओखर फइसला सही अउ धरमी हबै, ऊ बेसिया के सजा दय हबै, जउन अपन गलत काम के दवारा भुंइ के मनसेन के असुध्द करथै, भगवान ओखर लग अपन हरवाह के खून के पलटा लय हबै।”