जब उन अपन हे कथै, हम एही झइ चीरी, पय ऐहमा चिट्ठी डाली कि हइ केही मिलही। हइ इहैनिता होथै कि पवितर किताब हे जउन कहै गय रथै, कि ऊ पूर होय, उन मोर बन्डी हे चिट्ठी डालिन, अउ उन मोर खुरथा पइजामा के बांट लेथै, अउ सिपाही ओसनेन करथै।
तब मै स्वरग हे अक्ठी बडा अउ चकित चिन्हा देखो, जउन सात स्वरगदूत सात आखरी परेसानी लय हर रथै, हइ आखरी परेसानी हबै, काखे इनखर दवारा भगवान के गुस्सा पूर हुइ जथै।