10 ऊ सातठे राजो हबै, पांच तो मर चुके हबै, अक्ठी अबहुन जिन्दा हबै अउ अक्ठी अब तक नेहको आइस जब ऊ आही, पय ऊ चुटु टेम के निता आही।
तब मोर लग कहे गइस, “हइ जरूरी हबै कि तै दुबारा कइन मेर के कुर, देस, भासन अउ राजा के बारे हे आगू कर बात करिहों।”
ऊ सपुवा के आगू ऊ पहिले गोरू के सगलू हक के निस्तार करथै, ऊ भुंइ अउ भुंइ हे सगलू रहैबाले लग ऊ पहिले गोरू के पूजा करवाइस जेखर खत्ता मिट गय रथै।
मै देखो कि ओखर अक्ठी मूड असना दिखथै जसना ओखर उप्पर जीव ले बाले हमला करे होय, पय ओखर ऊ खत्ता मिट गय रथै सगलू दुनिया चकित हुइके ऊ गोरू के पाछू चले लग जथै।
ऊ गोरू, जउन पहिले रथै अउ अब नेहको हबै अठमा हबै, पय ऊ सहीमा सात राजन मसे अक्ठी हबै अउ ओखर नास हुइ जही।
अउ जउन गोरू अउ दस सींग तै देखे हबस, ऊ गलत काम लग घिनइहिन, उके बिना फरिया के अकेल्ले छांड दइहिन, ओखर मांस खइहिन अउ उके आगी हे जराय दइहिन।