6 इहैनिता उन पवितर मनसे अउ ग्यानी मनसे के खून बहाय हबै अउ तै उनके खून पिलाइस अउ अपन काम लग सजा पाथै अउ उन इहै के काबिल हबै।”
जउन मेर लग तुम नियाव करथा, उहै मेर तुम्हर उप्पर नियाव करे जही अउ जउन नाप लग तुम नापथा, उहै नाप लग तुम्हर निता नापे जही।
पय जउन अनजाने हे मार खाय के काम करे हबै, ऊ चुटु मार खाही जेही बोहत दय गय हबै, ओखर लग बोहत लय जही अउ जेही सउपे गय हबै ओखर लग बोहत लय जही।
ता सोच लेया कि ऊ मनसे केतका अउ बोहत सजा के कबिल ठहरही, जउन भगवान कर टोरवा के गोड लग कचरिन अउ टीमा के खून के, जेखर दवारा उके पवितर करे रथै, अक्ठी अपवितर चीज मानिन अउ जउन अनुगरह के आतमा के बेज्जती करिन।
देस गुस्सा हुइ गइस, उनखर उप्पर तोर बोहत गुस्सा आय गय हबै, अब टेम आ गय हबै, कि मरे हर के नियाव करे जाय, तोर हरवाह ग्यानी मनसे, पवितर मनसे, अउ तोर सगलू बिस्वास करै बाले चाहे ऊ सही होय या खास होय जउन तोर नाम लग डरथै, उनखर बदला दय जही, अउ तोर दवारा उनके नास करे जाय, जउन भुंइ के नास करथै।”
जउन जेल के निता लिखे गय हबै ऊ जेलखाना हे जही, जउन तलबार लग मारथै उके तलबार लग मारे जही, एखर निता जरूरी हबै पवितर मनसेन के धीर अउ बिस्वास।
उके ऊ गोरू के मूरती के जिन्दा करै के सक्ति दय गइस कि ऊ मूरती बोल सकै अउ उन सगलू के मरवाय देथै, जउन कउ ऊ मूरती के पूजा नेहको करथै।
हे स्वरग अउ हे पवितर मनसेन, चेला अउ ग्यानी मनसे का फेर उनखर उप्पर खुसी मनाबा, काखे भगवान नियाव करके उनखर लग बदला लय हबै।
बेबीलोन के ग्यानी मनसे के अउ हरवाह अउ उन सगलू पवितर मनसेन के खून पाय गइस, जिनखर भुंइ हे बलि चढाय दय गइस।
काखे ओखर फइसला सही अउ धरमी हबै, ऊ बेसिया के सजा दय हबै, जउन अपन गलत काम के दवारा भुंइ के मनसेन के असुध्द करथै, भगवान ओखर लग अपन हरवाह के खून के पलटा लय हबै।”