देस गुस्सा हुइ गइस, उनखर उप्पर तोर बोहत गुस्सा आय गय हबै, अब टेम आ गय हबै, कि मरे हर के नियाव करे जाय, तोर हरवाह ग्यानी मनसे, पवितर मनसे, अउ तोर सगलू बिस्वास करै बाले चाहे ऊ सही होय या खास होय जउन तोर नाम लग डरथै, उनखर बदला दय जही, अउ तोर दवारा उनके नास करे जाय, जउन भुंइ के नास करथै।”