मै अक्ठी असना मनसे के, जउन मसीह के बिस्वासी हबै, जानथो, चउदा साल पहिले हइ मनसे तीसर बेर स्वरग तक उठाय लय गइस, देह के संग या बेगैर देह के, मोके पता नेहको हबै, पय भगवान जानथै।
ओखर मुंह लग अक्ठी बोहत चोंख तलबार निकडिस कि ऊ ओखर लग देस के नास करै, ऊ लोहा के राजदंड लग उनखर राज करही, ऊ सर्वसक्तिमान भगवान के गुस्सा के जलजलाहट के अंगूर कर रस कुन्ड राउंदही।