14 सुना दूसर महापरेसानी बीत गइस, अब तीसर महापरेसानी हरबी आमै बाले हबै।
तब मै स्वरग हे अक्ठी बडा अउ चकित चिन्हा देखो, जउन सात स्वरगदूत सात आखरी परेसानी लय हर रथै, हइ आखरी परेसानी हबै, काखे इनखर दवारा भगवान के गुस्सा पूर हुइ जथै।
जब मै हइ सगलू देखत रथो, ता मै अपन उप्पर उडत अक्ठी गिधवा के बोहत आरो हे हइ कहत सुनो, “ऊ पोंगा नाद के कारन, जउन बचे तीन स्वरगदूत दवारा करे जही, भुंइ हे रहैबाले हाय, हाय, हाय होय।”
पहली बडा दुख गुजर चुके हबै, पय एखर बाद आमै बाले दुइठे दुख हबै, जउन अबे बांकी हबै।