एखर बाद नापै के निता अक्ठी फिता मोके दय गइस, जउन नापै के डंडा के जसना दिखत रहै, मोके कहे गइस, “उठ अउ भगवान के मन्दिर अउ बेदी के नाप अउ जउन मनसेन मन्दिर के भित्तर अराधना करत हबै, उनखर गिनती के।
तब मै अक्ठी दूसर स्वरगदूत के बीच बादर हे उडत देखो, भुंइ हे रहैबाले के हर अक्ठी देस, कुर, भासा अउ कास्ट के मनसे सुनामै के निता ओखर लिघ्घो अक्ठी निक्खा अनन्त संदेस रथै।