भगवान अन्याय नेहको करथै। ऊ तुम्हर कामन के अउ ऊ माया के नेहको बिसरथै, जउन तुम ओखर नाम के महिमा के मकसद लग, हइमेर देखाइस कि अपन पवितर मनसेन के सेबा करिस अउ अबे तक करत हबा।
आने जात हे तुम्हर चाल चलन निक्खा होय, जेखर लग कि जेखर बारे हे उन तुमही अपराधी मेर जानके बदनाम करथै, तुम्हर निक्खा काम के देखके ऊ आगमन के रोज भगवान कर महिमा करही।
हे डउकियो, तुमो अपन डउकन के कबजा हे रहा, अगर उन मसे कउ भगवान के बचन के पालन नेहको करत होंय ता तुम्हर पवितर आदरपून चाल चलन के देखके अपन-अपन डउकिन के बेउहार के दवारा बिस्वास हे सामिल करे जा सकथै,