अब हे भाई अउ बेहन, मै तुम्हर लग बिदा लेथो, अपन आदत निक्खा करा, ओसनेन करत जा जसना मै कहे हव, अक जसना सोचा, सान्ति लग रहा, जेखर लग माया अउ सान्ति के भगवान तुम्हर संग रही।
कउनो मेर के गन्दा बात तुम्हर मुंह लग झइ निकरै, पय उहै जउन निक्खा बात होय अउ उन्नत के निता फायदा होय, असना बात जउन सुनै बाले के अनुगरह होय, असना बात मुंह लग निकरै।
तुम अक्ठी बात के धियान रखा, तोर आचरन मसीह के संदेस के काबिल होय। हइमेर मै चाहे आयके तोर लग मिलो चाहे दुरिहां रहिके तोर बारे हे सुनो, मोके हइ पता होय कि तुम अक्ठी आतमा हे मजबूत के संग स्थिर होय अउ संदेस लग बिस्वास के निता अकजुट हुइके मेहनत करथा।