43 अगर तुम्हर हाथ पाप के कारन बनही, ता उके खपलके फटक दे, ता तोर निता इहै निक्खा हबै, कि तुम लुलवा हाथ सबरोज के जीवन हे जा, अगर दोनो हाथ के संग हे नरक के आगी हे झपोय दय जही, जउन आगी कबहुन नेहको बुझही।
तउभरमा हम उनखर ठोकड के कारन झइ बनब, तै पानी के दहार हे बनसी लगाबे अउ जउन आगू मछडी पकड हे आही ओखर मुंह के उघारत टेम तुमके चांदी के अक्ठी खोटन्ना मिलही, उके ले आबे अउ मोर बदला पइसा दइ दइहा।”
पय मै तुम्हर लग हइ कथो, कि कउ अपन भाई या बेहन लग गुस्सा करही, ऊ स्वरग के अदालत हे सजा के लायक होही, जउन कउ अपन भाई के बेकार कहि, ऊ स्वरग के अदालत के सजा के लायक होही, जउन कउनो के मूरुख कहि, ऊ नरक के आगी के लायक होही।
ऊ हाथ हे सूपा लइ चुके हबै, जेखर लग ऊ गोहूं के भूसा लग अलगे करके अपन खनेड के निक्खा साफ करके कोठला हे धरही पय भूसा के कबहुन नेहको बुझै बाले आगी हे डारी।”
जब बिस्वास के गवाह एतका बडा भीड लग घेररे हर हबन, ता हम सबैमेर के रुकावट के दुरिहां करी अउ ऊ पाप के छांड के जउन हमर काम लग हमर धियान हटाय देथै अउ यीसु हे अपन नजर लगाय के आबा हम मजबूत के संग दउरबे, जेहमा हमर नाम लिखे गय हबै।