42 पय जउन ई नान लग मोर उप्पर बिस्वास करथै, कउनो के निता पाप के कारन बनही, ऊ मनसे के निता निक्खा ई होही, कि अक्ठी चकिया के पथरा ओखर नटेरी हे, गठियाय के उके समुन्दर के गहिरा हे बोड दय जही।
तउभरमा हम उनखर ठोकड के कारन झइ बनब, तै पानी के दहार हे बनसी लगाबे अउ जउन आगू मछडी पकड हे आही ओखर मुंह के उघारत टेम तुमके चांदी के अक्ठी खोटन्ना मिलही, उके ले आबे अउ मोर बदला पइसा दइ दइहा।”
इहैनिता देखा, मोर इन नान मसे कउनो अक्कोझन के बेकार झइ समझिहा, काखे मै तुम्हर लग कथो, कि स्वरग हे उनखर स्वरगदूत सबरोज मोर बाफ के नजर हे रथै।
जउन कउ मोर उप्पर बिस्वास करे बाले के कउनो अकझन के बिस्वास लग बहकाथै, ता ओखर निता इहै निक्खा होतै कि ओखर नटेरी हे चकिया के पथरा बांधे जातिस अउ ऊ गहीर समुन्दर हे बुडाय दय जातिस,
अउ भुंइ हे गिर पडथै अउ हइ सब्द सुनथै, “हे साऊल-हे साऊल तै मोके काखे परेसान करथस।”
इहैनिता हम अक दूसर के दोस लगामै के छांडके अपनै हे निहचित के लेय कि कउनो अपन भाई के गली हे ठोकड के कारन पइदा झइ करै अउ न जाल बिछामै।
पय जसना लिखवरे हबै, ओसनेन होय, जिनखर लिघ्घो संदेस नेहको पहुंचे हबै उहै देखही, अउ जउन नेहको सुनै हबै, उहै समझही।
हे भाई अउ बेहन मै तुम्हर लग बिनती करथो, कि जउन सिक्छा के बिरोध फूट डालै अउ फसामै के ठोकड बनथै, उनही जांच लय करा अउ उनखर लग दुरिहां रहा।
हम कउनो बात हे चोट खाय का कउनो मउका नेहको देथन ताकि हमर सेबा हे कउनो दोस झइ आय।
जेखर लग जउन गुन हबै, तुम उके चीन्हा, हइ मेर तुम मनसे मसीह के दिन तक साफ सुथरा अउ निरदोस बने रहा।
इहैनिता मै हइ चाहथो कि जबान बिधवा काज करै, अउ लरका पइदा करै अउ घर गिरस्ती संभालै, अउ कउनो बैरी के बुराई करै के मउका झइ दे।
बोहत मनसे उनखर जसना लुचपन के चाल चलन चलही, अउ उनखर कारन सत्य के रास्ता निन्दा करे जही।