28 ता सिपाही जेल हे जथै, अउ यूहन्ना कर मुन्डी के खपलके अक्ठी टठिया हे धरके लानथै, अउ टोरिया के देथै, ऊ अपन दाय के लइके देथै।
ओखर दाय उके पहिलेन लग सिखाय दय रथै, इहैनिता ऊ बोलिस, “मोके इहै टेम टठिया हे यूहन्ना बतिस्मा देय बाले के मूड चाही।”
तब राजा अपन सिपाही के आदेस देथै, कि जेल हे जाय के यूहन्ना के मुन्डी खपलके लाबा।
ई बातन के चेला सुनथै, कि उके मार डारे हबै, ता ओखर लोथ के लइज के मरघटी हे गाड देथै।